♥भक्तिमति मीराबाई♥

 
♥भक्तिमति मीराबाई♥
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तुम बिन स्याम सुने(गो) कौ(न) मेरी। (टेर) ठाढ़ी खेवटणी अरज करत है, मलवा ने नाव पछिम को फेरी।।1।। नदिया गहरी नाव पुराणी, अधपर बीच भँवर ने घेरी।।2।। बोदी है प्रभु पार लगावो, डूब जाय तो कहा रहै तेरी।।3।। मीराँ के प्रभु गिरधरनागर, कुल को त्याग शरण लई तेरी।♥♥ राणाँजी कर्मां रो सँगाती, कुल में कोई नहीं। (टेक) एक तो माता रै दोय दोय डीकरा, ज्याँकी न्यारी न्यारी भाँत वाँकी न्यारी न्यारी करमाँ रेष।राणाँ।1। एक तो राजाजी री गद्दी बैठिया, दूजो हळ‘र बैल भरतो पेट।राणाँ।2। एक तो माता रै दोय दोय डीकरी, ज्याँकी न्यारी न्यारी भाँत, ज्याँकी न्यारी न्यारी करमाँ रेष।राणाँ।3। एक तो मोतियन माँग भरावती, दूजी घर-घर की पनिहार।राणाँ।4। एक तो गऊ रे दो-दो बाछड़ा, ज्याँकी न्यारी न्यारी भाँत, वाँकी न्यारी न्यारी करमाँ रेष।राणाँ।5। एक तो महादेवजी रै मन्दिर नादियो, दूजो बणजारा रे हाथ।राणाँ।6। एक तो कुम्हार रे दोय दोय मटकियाँ, ज्याँकी न्यारी न्यारी भाँत, ज्याँकी न्यारी न्यारी करमाँ रेष।राणाँ।7। एक तो महादेवजी रे मन्दिर जल चढ़ै, दूजी चमाराँ रे हाथ, राणाँजी करमाँ रो सँगाती, जग में कोई नहीं।
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♥मीरा के गिरधर♥
ARTISTIQUE.
❤️ Krishna❤️Meerabai❤️