ॐ श्री कृष्णः शरणम् मम
-
या मोहन के रूप लुभानी।
सुंदर बदन कमलदल लोचन, बांकी
चितवन मंद मुसकानी॥
जमना के नीरे तीरे धेनु चरावै,
बंसी में गावै
मीठी बानी।
तन मन धन गिरधर पर बारूं, चरणकंवल
मीरा लपटानी॥
- Теги:
-
Оцените это изображение:
-
В настоящее время 5.0/5 звездочек.
-
1
-
2
-
3
-
4
-
5
2 Голосов.